
अंतर्मन रजनीश चतुर्वेदी द्वारा लिखा गया हिंदी का एक नया उपन्यास है। ये कहानी है एक ऐसे सेल्समैन अर्जुन की जो अपने जीवन में कई चुनौतियों का सामना कर रहा है। अपने जीवन के उतार चढ़ाव से परेशान अर्जुन अपने आपको निराशावादी और हताश विचारों के बीच असफलता की बेड़ियों में फँसा हुआ पाता है। ऐसे में अर्जुन को दरकार होती है एक ऐसी मदद की जो उसे इन बेड़ियों को तोड़ने में सहायता कर सके।
ऐसे में अर्जुन को एक ऐसी शक्ति प्राप्त होती है जिसकी मदद दे वो दूसरों के मन के विचारों को पढ़ सकता है। ये शक्ति अर्जुन को अपने सेल्स career में शिखर तक पहुँचने में मदद करती है। अर्जुन एक सफल सेल्स मैन बन जाता है।
लेकिन असली समस्या तब होती है, जब यही शक्ति अर्जुन को उसके निजी जीवन में हानि पहुँचाने लगती है। ऐसी शक्ति से लड़ते हुए अर्जुन की संघर्ष गाथा है अंतर्मन।
पुस्तक जहाँ एक तरफ़ मानवीय रिश्तों की जटिलताओं को प्रस्तुत करती है, वहीं दूसरी तरफ़ एक सेल्स मैन के जीवन को समीप से दिखाती है। कहानी नें दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक सम्मेलन कुम्भ की भी अच्छी ख़ासी झलक दिखलाई है। पुस्तक जहाँ आपको आश्चर्य चकित कर देगी, वहीं जीवन में रिश्तों की सीख देते देते रुला भी देगी ।
पुस्तक ईबुक फ़ॉर्मैट में किंडल ऐप पर उपलब्ध हैं। इसके अतिरिक्त इसे निम्नांकित लिंक पर भी ख़रीद सकते हैं –